🔱 आरती श्री हनुमान जी की 🔱
आरती कीजै हनुमान लला की,दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥ जाके बल से गिरिवर कांपे,रोग दोष जाके निकट न झांके॥अंजनि पुत्र महा बलदायी,संतन के प्रभु सदा सहाई॥ दे बीरा रघुनाथ पठाए,लंका जारि सिया सुधि लाए॥लंका सो कोट समुद्र-सी खाई,जात पवनसुत बार न लाई॥ लंकिनी मारि असुर सँघारे,सियाराम जी के काज सँवारे॥लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे,आनि संजीवन प्राण […]
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