हे दुःख भंजन मारुति नंदन भजन | पवनसुत हनुमान जी की विनती के भावपूर्ण बोल और महत्व

हे दुःख भंजन मारुति नंदन भजन | पवनसुत हनुमान जी की विनती के भावपूर्ण बोल और महत्व

हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,
सुन लो मेरी पुकार ।
पवनसुत विनती बारम्बार ॥
हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,
सुन लो मेरी पुकार ।
पवनसुत विनती बारम्बार ॥

अष्ट सिद्धि, नव निधि के दाता,
दुखिओं के तुम भाग्यविधाता ।
सियाराम के काज सवारे,
मेरा करो उद्धार ॥
पवनसुत विनती बारम्बार ।

हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,
सुन लो मेरी पुकार ।
पवनसुत विनती बारम्बार ॥

अपरम्पार है शक्ति तुम्हारी,
तुम पर रीझे अवधबिहारी ।
भक्तिभाव से ध्याऊं तोहे,
कर दुखों से पार ॥
पवनसुत विनती बारम्बार ।

हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,
सुन लो मेरी पुकार ।
पवनसुत विनती बारम्बार ॥

जपूँ निरंतर नाम तिहरा,
अब नहीं छोडूं तेरा द्वारा ।
रामभक्त मोहे शरण मे लीजे,
भाव सागर से तार ॥
पवनसुत विनती बारम्बार ।

हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,
सुन लो मेरी पुकार ।
पवनसुत विनती बारम्बार ॥

🙏 हे दुःख भंजन, मारुति नंदन – एक भक्तिपूर्ण प्रार्थना 🙏

हनुमान जी, जिन्हें पवनपुत्र, संकटमोचन और रामभक्त के रूप में जाना जाता है, हिन्दू धर्म में शक्ति, भक्ति और सेवा के प्रतीक हैं। जब भी कोई भक्त संकट में होता है, तो सबसे पहले उसका ध्यान हनुमान जी की ओर जाता है। यही भाव इस मधुर भजन में दर्शाया गया है — “हे दुःख भंजन, मारुति नंदन, सुन लो मेरी पुकार। पवनसुत विनती बारम्बार॥”

🌟 भजन का महत्व:

यह भजन एक ऐसी आत्मा की पुकार है, जो अपने जीवन की कठिनाइयों में हनुमान जी की शरण लेती है। हनुमान जी अष्ट सिद्धि और नव निधियों के स्वामी हैं, और यह माना जाता है कि वे अपने भक्तों के हर दुख को हर लेते हैं।
“सियाराम के काज सवारे, मेरा करो उद्धार…” — यह पंक्ति दर्शाती है कि जैसे हनुमान जी ने श्रीराम के हर कार्य में सहायता की, वैसे ही वे हमारे भी हर संकट का समाधान कर सकते हैं।


🌸 इस भजन को क्यों गाएं?

  • यह भजन मन को शांति देता है।
  • नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
  • हनुमान जी की कृपा मिलती है।
  • मानसिक और आध्यात्मिक बल बढ़ता है।

इसलिए, अगर आप भी किसी कठिन परिस्थिति में हैं, या बस भक्ति में लीन होना चाहते हैं, तो प्रतिदिन इस भजन का पाठ करें। यह आपको शक्ति, साहस और आशा प्रदान करेगा।

भावार्थ (Summary in Hindi):

यह भजन वास्तव में एक भक्त की सच्ची पुकार है, जो पवनपुत्र हनुमान से जीवन के दुखों को हरने की प्रार्थना करता है। यह न केवल उनकी महाशक्ति को दर्शाता है, बल्कि उनकी करुणा और भक्ति की महानता को भी उजागर करता है। जबकि हनुमान जी श्रीराम के कार्य सिद्ध करने में हमेशा अग्रणी रहे, उसी प्रकार वे अपने भक्तों के कष्ट हरने में भी समर्थ हैं। साथ ही, वे भक्तों को अष्ट सिद्धि और नव निधि प्रदान कर उनका उद्धार करते हैं। इसलिए, यह भजन हमें विश्वास दिलाता है कि सच्ची भक्ति और समर्पण से ही हम संसारसागर से अंततः पार हो सकते हैं। इस प्रकार, यह भजन श्रद्धा, शक्ति और मुक्ति की भावना को आत्मा तक पहुंचा देता है।

✨ निष्कर्ष:

“हे दुःख भंजन, मारुति नंदन” एक ऐसी भक्तिपूर्ण रचना है जो हनुमान जी की महिमा को शब्दों में ढालती है। इसे गाने से न सिर्फ़ हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि मन को भी दिव्यता का अनुभव होता है।

🌺 जय श्री राम। जय बजरंगबली। 🌺

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